DDU में नैक मूल्यांकन के लिए 18 को आएगी टीम, अपलोड हो रहे हैं शोधपत्र
दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन 18 फरवरी से शुरू होगा। पियर टीम दो दिन नैक के मानकों पर विश्वविद्यालय के संसाधनों को परखेगी।
नेशनल एक्रिडेशन (नैक) मूल्यांकन को लेकर विश्वविद्यालय में तैयारियां तेज हो गई हैं। कुलपति प्रो. वीके सिंह ने इसको लेकर विभागाध्यक्षों की बैठक की। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से 12 फरवरी तक वर्ष 2014 से 2019 तक के शोध पत्रों को नैक की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।
दूर की जा रही है कमियां
यूजीसी ने अब सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के नैक की ग्रेडिंग अनिवार्य कर दी है। इसके बिना अनुदान ही नहीं मिलेगा। विश्वविद्यालय में वर्ष 2005 में नैक का मूल्यांकन कराया गया था। उस दौरान बी++ ग्रेड मिला था। इसके बाद नैक का मूल्यांकन नहीं हुआ। जबकि नियमानुसार हर पांच वर्ष बाद नैक का मूल्यांकन कराना है। करीब 15 साल बाद हो रहे नैक मूल्यांकन को लेकर विश्वविद्यालय कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। कुलपति ने इसके लिएआईक्यूएसी के निदेशक प्रो. सुधीर श्रीवास्तव को अधिकृत किया है। उन्होंने विभागाध्यक्षों से आवश्यक जरूरतों की सूची तलब की है।
कड़े हैं मानक, छात्रों से फीडबैक लेगी टीम
कुलपति ने बताया कि नैक के मानक कड़े हैं। वह संसाधन, शिक्षकों की उपलब्धता को जांचते हैं। इसके अलावा वह छात्रों से फीडबैक लेते हैं। इसके बाद ग्रेडिंग मिलती है। नैक मूल्यांकन में सबसे बड़ी बाधा शिक्षकों की कमी और शोध कार्य न होना था। लेकिन ये दोनों बाधाएं अब दूर हो गई हैं। उम्मीद है कि इस बार बेहतर ग्रेडिंग मिलेगी।